divya swasari pravahi uses in hindi - दिव्य श्वासारि प्रवाही सिरप के फायदे
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divya swasari pravahi uses in hindi – दिव्य श्वासारि प्रवाही सिरप के फायदे

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divya swasari pravahi uses in hindi – दिव्य श्वासारि प्रवाही सिरप के फायदे
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Table of Contents

  • दिव्य श्वासारि प्रवाही – Divya Swasari uses Pravahi in hindi
  • दिव्य श्वासारि प्रवाही क्या है? – what is Divya Swasari Pravahi in Hindi
    • दिव्य श्वासारि प्रवाही के घटक द्रव्य – Divya Swasari Pravahi ingredients in hindi 
    • दिव्य श्वासारि प्रवाही के फायदे – Divya Swasari Pravahi benefit in Hindi
    • दिव्य श्वासारि प्रवाही के नुकसान – Divya Swasari Pravahi side effect in Hindi
      • दिव्य श्वासारि प्रवाही की सेवन विधि – Divya Swasari Pravahi Sevan vidhi in hindi
      • दिव्य श्वासारि प्रवाही के चिकित्सीय उपयोग – Divya Swasari Pravahi uses in hindi 
      • दिव्य श्वासारि प्रवाही का मूल्य – Divya Swasari Pravahi price
      • दिव्य श्वासारि प्रवाही के बारे में डॉक्टर से पूछे गए सवाल और उनके जवाब 
        • Q1. दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन कितने दिनों तक करना चाहिए? 
        • Q2. दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन कब करना चाहिए? 
        • Q3. क्या दिव्य श्वासारि प्रवाही के सेवन से मुझे इसकी लत लग सकती है?
        • Q4. क्या दिव्य श्वासारि प्रवाही सेवन शराब के साथ किया जा सकता है?
        • Q5. क्या दिव्य श्वासारि प्रवाही के सेवन के बाद ड्राइविंग किया जा सकता है?
        • Q6. क्या दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन बच्चो के लिए सुरक्षित है?
        • Q7. क्या दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन महिलाएं कर सकती है?

दिव्य श्वासारि प्रवाही – Divya Swasari uses Pravahi in hindi

दोस्तो आज हम इस आर्टिकल में दिव्य श्वासारि प्रवाही ( divya swasari pravahi uses in hindi ) के बारे में जानने की कोशिश करेंगे. दिव्य श्वासारि प्रवाही जेल के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करेंगे हमारे एक्सपर्ट. आज हम दिव्य श्वासारि प्रवाही के उन सभी पहलू पर बात करेंगे, जिसको लोग गूगल पर बहुत अधिक मात्रा में सर्च करते हैं.

उस सामग्री की पूरी जानकारी लेने की कोशिश करते हैं. हिमालया दिव्य श्वासारि प्रवाही ( divya swasari pravahi uses in hindi ) के फायदे, नुकसान, सेवन विधि, तासीर और बनाने की विधि. इन सभी पर विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे. बहुत से लोग इसके बारे में जानते तो है लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता है कि ये कैसे काम करता है. 

हमारा लक्ष्य आपको आयुर्वेद, आयुर्विज्ञान और योग से जुड़ी सभी तरह की जानकारी देना है. जिससे आपको जानकारी का अभाव ना हो. जानकारी के अभाव में लोग काफी गलती करते है. जिससे लोगो को काफी समस्या का सामना भी करना पड़ता है. आपको ऐसी बहुत सी वेबसाइट इंटरनेट या बोले तो गूगल पर उपलब्ध है, जो आपको जानकारी तो देते है.

लेकिन पूरी जानकारी नहीं देते है. जिस वजह से व्यक्ति को कभी कभी नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है या कभी कभी पड़ता भी है. आपको healthydietindia आपको आयुर्वेद और योगा की सभी जानकारी देने का प्रयास करेंगे. समझ में न आने पर आप हमसे कॉमेंट के जरिए या डायरेक्ट ईमेल करके जानकारी प्राप्त कर सकते है.

दिव्य श्वासारि प्रवाही क्या है? – what is Divya Swasari Pravahi in Hindi

दिव्य श्वासारि प्रवाही सिरप ( divya swasari pravahi uses in hindi ) एक आयुर्वेदिक औषधि है. दिव्य श्वासारि प्रवाही का उपयोग कई प्रकार के रोग में किया जाता है. इसका उपयोग मुख्य रूप से सर्दी जुकाम और खांसी में किया जाता है. इसके अलावा दिव्य श्वासारि प्रवाही का उपयोग और भी कई तरह के रोगों में किया जाता है. 

दिव्य श्वासारि प्रवाही का निर्माण पतंजलि दिव्य फार्मेसी द्वारा किया जाता है. दिव्य श्वासारि प्रवाही को बनाने में कई तरह के जुड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. लौंग, अदरक, अभ्रक भस्म, मुक्ताशुक्ति भस्म आदि इसके प्रमुख घटक है. इसके अलावा इसमें और भी कई प्रकार के जड़ी बूटी का इस्तेमाल किया जाता है. जिसके बारे में हम नीचे बताएंगे. 

दिव्य श्वासारि प्रवाही के घटक द्रव्य – Divya Swasari Pravahi ingredients in hindi 

दिव्य श्वासारि प्रवाही सिरप में निम्न घटक द्रव्य का इस्तेमाल किया जाता है. 

काली मिर्च : यह ऐसा पदार्थ है, जो लगभग सभी के किचन में पाया जाता है. इसका उपयोग हमारे घर में मसाले के रूप में होता है. यह हमारे खाने को अत्यंत स्वादिष्ट बना देता है. जितना यह हमारे खाने के स्वादिष्ट बनाता है. उससे कहीं अधिक फायदा यह हमारे शरीर को देता है. 

काली मिर्च जिसे हम गोलकी के नाम से भी जानते है. इसके फायदे बहुत है. इसलिए गोलकी का उपयोग कई तरह एक आयुर्वेदिक औषधि को बनाने में किया जाता है. अगर आप इसे साबुत खाते है, तो इसका स्वाद आपको काफी करवा लगता है. इसमें कई ऐसे तत्व परचूर मात्रा में पाए जाते है, जिसकी आवश्यकता हमारे शरीर को होती है. 

काली मिर्च को और भी कई नामों से जाना जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम पाइपर निग्राम है. इसमें लोहा, कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन के, विटामिन सी, फाइबर, मैग्निज और जस्ता परचुर मात्रा में उपलब्ध होते है, जो हमे कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करते है. 

मुलेठी : यह हमे एक पौधे के रूप में मिलता है. यह एक प्राकृतिक पौधा होता है. जिसमे झाड़ियां बहुत होती है. इस पौधे के टहनी को हो मुलाठी के नाम से जाना जाता है. इसे हम और भी कई नाम से जानते है. इसका वैज्ञानिक नाम ग्‍लीसीर्रहीजा ग्लाब्र होता है. इसका उत्पादन सबसे अधिक हमारे देश में ही होता है. 

हमारे देश के अलावा और भी कई देशों में इसका उत्पादन किया जाता है. हमारे देश में अधिक उत्पादन होने के कारण इसे भरी मात्रा में एक्सपोर्ट किया जाता है. बाहर के देशों में यह काफी महंगा बिकता है. इसमें कई ऐसे औषधि गुण पाए जाते है. इसमें कैल्शियम, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक और प्रोटीन पाए जाते है. इसके उपयोग से हमे खांसी जुखाम की समस्या से बहुत जल्द छुटकारा मिल जाता है. 

बड़ी कटीली : यह भी एक तरह का पौधा ही होता है. जिसमे फूल दिखने में बेहद खूबसूरत लगता है. इस पौधे का कांटा काफी जहरीला होता है. अगर यह किसी को चुभ जाता है, तो इससे उन्हें काफी दर्द महसूस होता है. इसके पत्तों के ऊपर भी कांटा उपलब्ध होता है. इसमें भी ऐसे पदार्थ पाए जाते है, जिससे हमे कई तरह के रोग से लड़ने में मदद मिलती है. 

इसका उपयोग भी अनेक तरह एक आयुर्वेदिक औषधि को बनाने में किया जाता है. इसके उपयोग से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत हो जाती है. जिससे हम किसी भी बीमारी से लड़ने में काफी सक्षम हो जाते है. लेकिन इसका सेवन आप ऐसे ही नही कर सकते है. 

इसको पीसकर इसमें कई तरह की औषधि मिलाई जाती है, जिससे यह खाने लायक बन पाता है. अगर आप इसका सेवन डायरेक्ट करते है, तो इससे आपको नुकसान की संभावना बनी रहती है. इसका पौधा 2 तरह का होता है. इसकी तासीर काफी गर्म होती है. 

काला वासा : काला वासा एक बहुत ही रेयर पौधा होता है, जो बहुत कम मात्रा में पाया जाता है. इसकी खेती नहीं की जाती है. यह हमे जंगलों में मिलती है. यह सबसे अधिक हमे घने जंगलों में मिलता है. इस पौधे का जिक्र हमार ग्रंथो में ऋषि मुनि ने किया है. यह हमारे बलगम को दूर करने में मदद करता है. इसकी तासीर गर्म होती है. 

सफ़ेद वासा : काला वासा की तरह यह भी उसी प्रजाति का पौधा होता है. इसका उपयोग खांसी से जुड़ी समस्या से निजात पाने के लिए किया जाता है. इसकी तासीर काफी गर्म होती है, जिसके वजह से यह हमारे कफ को पतला कर शरीर से बाहर निकालने मैं मदद करता है. 

सोंठ : सोंठ अदरक का ही दूसरा रूप होता है. इसे बनाने के लिए पहले अदरक को कई दिनों तक सुखाया जाता है. जब अदरक सुख जाता है, तो यह सोंठ बन जाता है. मार्केट में गोता और पाउडर दोनों रूप में उपलब्ध है. यह दोनो ही हमारे लिए काफी फायदेमंद है. जिस तरह से अदरक का फायदा होता है, उसी तरह से इसका भी काफी फायदा मिलता है. 

यह खाने मैं आपको तीखा होता है. इसका उपयोग हम मसाले के रूप में भी कर सकते है. इसमें कई और तरह की औषधि मिलकर दवाओं का निर्माण किया जाता है. इसका उपयोग अदरक की तरह चाय में डालकर करने से हमे सर्दी और खांसी में काफी आराम मिलता है. इसकी तासीर गर्म होती है. 

लॉन्ग : लॉन्ग के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा. ऐसा भी हो सकता है कि आप इसका उपयोग रोजाना भी करते होंगे, क्योंकि इसका उपयोग मसलें के रूप से हमारे रसोई घर में किया जाता है. अगर आप मसलें मैं इसका उपयोग नहीं करते है, तो इससे आपके मसाले में सही स्वाद नहीं आती है, जिससे आपको खाना खाने में स्वाद नहीं मिलता है. 

अगर किसी व्यक्ति के दांत में दर्द रहता है, तो ऐसे व्यक्ति अपने दांत के नीचे लॉन्ग को कुछ देर तक दाब के रखता है. इससे उनका दर्द बहुत जल्दी दूर हो जाता है. इसका उत्पादन सबसे अधिक केरल में किया जाता है. इसका उपयोग आप चाय में डालकर भी कर सकते है. लॉन्ग का उपयोग हमारे शरीर के लिए अति उत्तम माना जाता है. 

छोटी पिप्पल : छोटी पिप्पल का उपयोग हमारे रसोई घर में मसाले के रूप में किया जाता है. इसे अन्य मसालों के साथ मिलकर तरकारी में डालने से हमारे खाने स्वादिष्ट होता है और इससे हमारे शरीर को भी कई तरह से फायदा होता है. पिप्पल दो तरह के होते है. दोनो का उपयोग हम मसाले के रूप में करते है. यह एक तरह का पौधा होता है. 

इसकी खुशबू मनमोहक होती है. इसे सूंघने वाला व्यक्ति इसका दीवाना हो जाता है. छोटी पिप्पल का उपयोग हम मसालों के साथ साथ आयुर्वेदिक औषधि के निर्माण में भी किया जाता है, क्योंकि इससे हमे कई तरह के रोग से मुक्ति मिलती है. 

बनफ्शा : बनफ्शा नाम आपने शायद पहली बार सुना होगा, हालांकि कुछ लोग इसके बारे में जानते होंगे. लकी। बहुत लोगो को तो यह भी नही पता होगा कि यह होता किया है. आपको जानकारी के लिए बता दें कि यह भी एक तरह का आयुर्वेदिक पौधा होता है.

जिसका उपयोग हम मुख्य रूप से खांसी, जुखाम, बुखार और कफ जैसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है. इसका पैदावार उन इलाकों में किया ज्यादा है जहां अधिक ठंडी होती है. इसकी खेती ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में को जाती है. इसे निलपुष्प के नाम से भी जाना जाता है. इसकी तासीर भी गर्म होती है. 

दिव्य श्वासारि प्रवाही के फायदे – Divya Swasari Pravahi benefit in Hindi

दिव्य श्वासारि प्रवाही सिरप ( divya swasari pravahi uses in hindi ) के किया किया फायदे है. इसका उपयोग करने वाले सभी मरीजों को अवश्य होनी चाहिए. इसलिए हम आपको इसके बारे में नीचे पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे, जिससे आप आसानी से इसका बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकें. 

अगर आपके गले में या फेफड़ों के आस पास बलगम जम गया है, तो दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. क्यूंकि यह बलगम को पतला कर उसको बाहर निकलने में काफी कारगर है. इसमें मौजूद घटक हमारे बलगम को पतला करने में मदद करते है. जिससे हमे आसानी से बलगम वाली खांसी से छुटकारा मिलता है. 

दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन आप सर्दी जुखाम में भी कर सकते है. इसके सेवन से सर्दी जुखाम जल्दी ठीक होने में काफी सहायक होता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस श्वासारि प्रवाही की तासीर काफी गर्म होती है. जिस वजह से ठंड में होने वाली सर्दी जुखाम से तुरंत छुटकारा मिलता है. 

श्वासारि प्रवाही का सेवन कई प्रकार से स्वासन रोग में भी किया जाता है. बहुत से लोगो का अक्सर नाक बन्द हो जाता है. जिससे उन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ़ होती है. लेकिन अगर आप दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन करते है, तो यह आपको आसानी से सांस लेने काफी मदद करता है. 

दिव्य श्वासारि प्रवाही के नुकसान – Divya Swasari Pravahi side effect in Hindi

दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन करने से पहले इसके कुछ नुकसान के बारे में जान लेना बेहद जरूरी है. जिससे हमें आगे चलकर किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े. 

अगर आप इसका सेवन कर रहे हैं या करना चाहते है, तो इसका सेवन करने से पहले एक बात का ध्यान रखना जरूरी है. अगर आप इधिक मात्रा में दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन करते है, तो इससे आपको कई प्रकार के परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. 

दिव्य श्वासारि प्रवाही ( divya swasari pravahi uses in hindi ) का सेवन करने से पहले डॉक्टर से अवश्य सलाह लेना चाहिए. जिससे इसका सेवन करने से होने वाली परेशानी को कम किया जा सके. अगर आप डॉक्टर से बिना सलाह लिए इसका उपयोग करते है, तो इससे आपको काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. 

दिव्य श्वासारि प्रवाही सिरप का सेवन उन महिलाओं को करने से बचना चाहिए. जो अभी गर्भवती है. या जो आपने बच्चे को स्तनपान कराती है. इन महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए. 

अगर आपको दिव्य श्वासारि प्रवाही में मौजूद किस घटक द्रव्य से एलर्जी है, तो आपको दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन करने से बचना चाहिए या आप अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन कर सकते है.

दिव्य श्वासारि प्रवाही की सेवन विधि – Divya Swasari Pravahi Sevan vidhi in hindi

दिव्य श्वासारि प्रवाही सिरप का सेवन आप एक दिन में 2 से तीन बार कर सकते है. आप दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन एक बार एक चम्मच कर सकते है. दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन आपको खाना खाने के बाद करना चाहिए. खाना खाने से पहले इसका सेवन करने से बचना चाहिए. 

आप दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन आप पानी या दूध के साथ कर सकते है. आप इसका सेवन हल्के गुनगुने पानी के साथ या आप पहले दूध को हल्का गरम करने के बाद दिव्य श्वासारि प्रवाही के साथ सेवन कर सकते है. 

दिव्य श्वासारि प्रवाही के चिकित्सीय उपयोग – Divya Swasari Pravahi uses in hindi 

Divya Swasari Pravahi का उपयोग अनेक प्रकार के रोगों में किया जाता है. 

अस्थमा : जो लोग अस्थमा की समस्या से परेशान रहते है. उनके लिए यह दवा काफी लाभकारी होता है. अस्थमा को हम दमा के नाम से जाना जाता है. अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जिसमे हमारा सांस फूलने लगता है. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका पूर्ण इलाज आज तक संभव नही हो पाया है. 

इस बीमारी से आपके लिए मुमकिन नहीं है. श्वासारि प्रवाही से आपको इसमें केवल कुछ समय के लिए ही राहत मिल पाता है. पूर्ण रूप से इलाज के लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता होती है. इस बीमारी में आपको किसी भी दवा का उपयोग बिना डॉक्टर से सलाह लिए नहीं करना चाहिए. 

खांसी : खांसी एक आम समस्या होती है. यह हमे बैक्टिरियल इन्फेक्शन के कारण होता है. मौसम के बदलने के साथ साथ यह हमे होता है. इसे आप मौसमी बीमारी भी कह सकते है. यह वक्त से साथ साथ अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार बिना दवा का सेवन किया यह खत्म नहीं होता है. ऐसे में आप इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए श्वासारि प्रवाही का उपयोग कर सकते है. 

बलगम वाली खांसी : श्वासारि प्रवाही हमे सभी तरह के खांसी में फायदा पहुंचाता है. यह हमे सुखी खांसी के अलावा बलगम वाली खांसी पहुंचाता है. बलगम वाली खांसी को आप भींगी खांसी भी बोल सकते है. क्योंकि इसमें हमारे गले में बलगम जम जाता है, जिस वजह से यह सुखी खांसी से ज्यादा खतरनाक साबित होता है. श्वासारि प्रवाही गर्दन में मौजूद बलगम को पतला कर बाहर निकालने का कार्य करता है. 

दिव्य श्वासारि प्रवाही का मूल्य – Divya Swasari Pravahi price

Divya Swasari Pravahi के मूल्य की बाते करे, तो इसके एक शीशी का मूल्य ₹35 rupay है. इसमें 250 मलिग्रम सिरप मौजूद होता है. Divya Swasari Pravahi को आप किसी भी दवाई दुकान या ऑनलाइन से खरीद सकते है. यह लगभग सभी दवाई दुकान पर उपलब्ध है. अगर यह आपके नजदीकी दवाई दुकान में नहीं मिल रहा है, तो आप इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं. इसके लिए आपको अधिक पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे. 

दिव्य श्वासारि प्रवाही के बारे में डॉक्टर से पूछे गए सवाल और उनके जवाब 

Q1. दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन कितने दिनों तक करना चाहिए? 

Ans : दिव्य श्वासारि प्रवाही ( divya swasari pravahi uses in hindi ) का सेवन आपको 4 से 6 हफ्तों तक ही करना चाहिए. इससे अधिक इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए. क्यूंकि इससे अधिक दिनों तक इसका सेवन करने से आपको नुकसान भी हो सकता है. 

Q2. दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन कब करना चाहिए? 

Ans : दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन खाना खाने के कुछ समय पश्चात करना चाहिए. आप एक दिन मैं दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन 2 से 3 बार मर सकते है. 

Q3. क्या दिव्य श्वासारि प्रवाही के सेवन से मुझे इसकी लत लग सकती है?

Ans : नहीं. दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन करने से लत नहीं लगती है. क्यूंकि इसको बनाने में किसी तरह का नशीला पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाता है. 

Q4. क्या दिव्य श्वासारि प्रवाही सेवन शराब के साथ किया जा सकता है?

Ans : नहीं. दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन आप शराब के साथ नहीं कर सकते है. दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन शराब के साथ करने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. 

Q5. क्या दिव्य श्वासारि प्रवाही के सेवन के बाद ड्राइविंग किया जा सकता है?

Ans : हां. दिव्य श्वासारि प्रवाही ( divya swasari pravahi uses in hindi ) का सेवन करने के बाद ड्राइविंग किया जा सकता है. इससे उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं आती है, क्यूंकि दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन करने से नींद नहीं आती है. 

Q6. क्या दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन बच्चो के लिए सुरक्षित है?

Ans : हां. दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन आप बच्चो को कर सकते है. यह बच्चो के लिए पूरी तरह सुरक्षित है. लेकिन अगर आपको इसका सेवन बच्चो को कराने के बाद कोई परेशानी होती है, तो तुरंत आपने डॉक्टर से संपर्क करें. 

Q7. क्या दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन महिलाएं कर सकती है?

 Ans : हां. दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन महिलाएं भी कर सकती है. दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन करने से महिलाओं को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है. लेकिन अगर आप दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला को करा रहे है, तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें. 

Q8. क्या दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन गुनगुने पानी के साथ किया जा सकता है? 

Ans : दिव्य श्वासारि प्रवाही का सेवन हल्के गुनगुने पानी के साथ किया जा सकता है. पानी के साथ इसका सेवन करने किसी तेज़ का हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है. यह पूरी तरह सुरक्षित है. इसके अलावा आप इसका सेवन दूध या शहद के साथ भी कर सकते है. 

नोट : दिव्य श्वासारि प्रवाही ( divya swasari pravahi uses in hindi ) के बारे में कोई और प्रश्न है, तो हमे कॉमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताएं. हम आपके सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगें. आप हमे हमारे email पर मैसेज भी कर सकतें है. हम आपके सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे.

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Saima mallick is an excellent web content writer in health and nutrition. Her expertise in the subject stems from in-depth research and knowledge that she gained over the years. Her interest in science coupled with a bachelor's degree in biotechnology proves as an added advantage and further adds value to her writing. She is highly interested in science, thus writing quality content became her virtue.

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